ओम स्टर्लिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी (ओएसजीयू) में मधुमक्खी पालन और करियर पर आधारित वेबिनार
‘नवप्रवर्तन उद्यमी के रूप में मधुमक्खी पालन में करियर के अवसर’ पर आधारित वेबिनार ओम स्टर्लिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी में आयोजित किया गया। इस वेबिनार में सभी विशेषज्ञों ने एकमत से कहा कि मधुमक्खी पालन में रोजगार की अथाह संभावनाएं हैं। इस अवसर पर ओएसजीयू के चांसलर डॉ. पुनीत गोयल व प्रो चांसलर डॉ. पूनम गोयल ने वेबिनार आयोजकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मधुमक्खी पालन के विविध आयाम समझकर इस क्षेत्र में काफी काम किया जा सकता है। वेबिनार के दौरान वाइस चांसलर प्रो. एन. पी. कौशिक, प्रो वाइस चांसलर प्रो. अजय पोद्दार, विशेषज्ञ डॉ. योगेश कुमार, इंजीनियर रजनीश मंगोत्रा, डीन डॉ. जी. एस. यादव व डीन डॉ. शोभना पोद्दार ने मधुमक्खी पालन के विविध आयामों पर विस्तार से चर्चा की। वेबिनार के मुख्य वक्ता ओएसजीयू के वाइस चांसलर प्रो. एन. पी. कौशिक ने कहा कि शहद और इससे बनने वाले उत्पादों की लगातार बढ़ती मांग के कारण मधुमक्खी पालन अब एक आकर्षक उद्योग के रूप में स्थापित हो गया है। इस दौरान ओएसजीयू के प्रो वाइस चांसलर प्रो. अजय पोद्दार ने कहा कि आज के दौर में उद्योगों के स्वरूप में बड़ी तेजी से बदलाव आ रहा है। इसलिए युवा मधुमक्खी पालन की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के एंटोमोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. योगेश कुमार ने मधुमक्खी पालन के विविध आयामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन छोटे स्तर से शुरू करके इसका कितना भी विस्तार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी भी प्रतिदिन दो घंटे कार्य करके स्वरोजगार अपना सकते हैं। सामुदायिक विकास सलाहकार इंजीनियर रजनीश मंगोत्रा ने मधुमक्खी पालन से संबंधित विभिन्न सरकारी योजनाओं का विस्तार से खुलासा किया और युवाओं को इस क्षेत्र से अधिक से अधिक संख्या में जुडऩे का आह्वान किया। ओएसजीयू के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के डीन डॉ. जी. एस. यादव एवं ओएसजीयू के कॉरपोरेट रिलेशनस की डीन डॉ. शोभना पोद्दार ने भी वेबिनार को संबोधित किया। वेबिनार के दौरान देशभर से प्रतिभागियों ने शिरकत की। उन्हें मधुमक्खियों की संख्या, आयु, मधुमक्खी पालने का समय, सरकारी मदद, शहद प्लांट प्रोसेसिंग, पैकेजिंग एवं मार्केटिंग आदि विभिन्न पहलुओं को समझने का अवसर मिला।